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किडनी को स्वस्थ रखने के लिए घरेलू उपाय

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किडनी हमारे शरीर के सबसे ज्यादा हेल्दी अंगों में से एक है और इसका नियमित रूप से ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। जब भी हम बीमार पड़ते हैं, तो उसके लिए डॉक्टर हमें दवाएं देते हैं। हमारे द्वारा खाई जाने वाली ये दवाएं हमारे शरीर की बीमारी को ठीक करने में तो मदद करती हैं, लेकिन इन दवाओं को फिल्टर हमारी किडनी को करना पड़ता है। खासतौर पर जिन लोगों को पहले से किडनी से जुड़ी कोई पुरानी बीमारी है, तो उनके लिए किसी भी बीमारी से जुड़ी दवाएं लेना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। दवाओं का असर हमारी किडनी पर जरूर पड़ता है, चाहे वे दवाएं किडनी की किसी बीमारी का इलाज करने के लिए ही क्यों न तैयार की गई हों। ऐसे में कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि क्रोनिक किडनी रोग में कुछ विशेष प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करना उपयुक्त हो सकता है, लेकिन सभी ऐसी दवाएं सुरक्षित नहीं होतीं। कुछ आयुर्वेदिक उत्पाद किडनी के लिए सुरक्षित माने जाते हैं।

जिन लोगों को पहले से किडनी संबंधी बीमारी है, उनके लिए दवाओं का चयन करना कठिन होता है। इस समस्या में कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ उपयोगी हो सकती हैं।

  1. पुनर्नवा (Punarnava for kidney) :  पुनर्नवा एक प्राचीन और प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो किडनी के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसका नियमित सेवन किडनी की सुरक्षा में मदद करता है और किडनी संबंधी बीमारियों को नियंत्रित करने में सहायक होता है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी और डायुरेटिक गुणों से भरपूर है, जो संवेदनशीलता को कम करने और बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसे आयुर्वेद और एलोपैथी दोनों में उपयोगी माना गया है।
  2. गोक्षुरा (Gokhru for kidney) : आयुर्वेद में, गुर्दे संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए गोखरू का प्रयोग प्रचलित है। गोखरू चूर्ण के सेवन से किडनी के मरीजों को लाभ होता है। कुछ अध्ययनों में इसमें यूरिक एसिड, क्रिएटिनिन, और किडनी स्टोन को कम करने के गुण पाए गए हैं, जो क्रोनिक किडनी रोग के खतरे को कम कर सकते हैं। गोखरू का नियमित सेवन किडनी की सेहत को बनाए रखने में मदद कर सकता है, इसलिए यह किडनी संबंधी समस्याओं के लिए एक उपयुक्त आयुर्वेदिक औषधि मानी जाती है।
  3. वरुणा (Varuna for kidney) : आयुर्वेद में, किडनी रोगी को उनकी सेहत को बनाए रखने के लिए वरुणा से बनी दवाएं प्रदान की जाती हैं। वरुणा का पाउडर क्रोनिक किडनी रोग के रोगियों को लाभ पहुंचा सकता है, जिससे उनके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ अध्ययनों में यह सिद्ध हुआ है कि वरुणा किडनी स्टोन को नष्ट करने में और उसके पुनर्जनन के खतरे को कम करने में सहायक हो सकता है। इसलिए, वरुणा को किडनी संबंधी समस्याओं के उपचार में एक महत्वपूर्ण और प्रभावी आयुर्वेदिक दवा माना जाता है।
  4. गिलोय बेल (Giloy bel for kidney) : भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में, गिलोय एक प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो व्यापक रूप से प्रयोग की जाती है। इसे बुखार, गठिया, डेंगू जैसी बीमारियों के उपचार में प्रभावी माना जाता है। इसके अलावा, गिलोय का उपयोग किडनी संबंधी समस्याओं और क्रोनिक रोगों के इलाज में भी किया जाता है। इसकी प्राकृतिक गुणधर्मों के कारण, गिलोय को आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण और प्रभावी औषधि माना जाता है जो विभिन्न रोगों के उपचार में सहायक होती है।
  5. चंदन (Sandalwood for kidney) :  आयुर्वेद में, चंदन का उपयोग स्किन संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता है, लेकिन यह आपको शायद ही पता हो कि चंदन का उपयोग किडनी संबंधी बीमारियों के लिए भी फायदेमंद होता है। चंदन डायुरेटिक गुणों के साथ काम करता है और किडनी से संबंधित रोगों को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, चंदन के शांतिदायक गुण भी होते हैं जो किडनी के संक्रमण को दूर करने में सहायक होते हैं। इसलिए, चंदन को किडनी संबंधी बीमारियों के इलाज में एक प्रमुख आयुर्वेदिक उपाय माना जाता है। 

          इन सभी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से मिलकर “SCORTIS HEALTHCARE” के द्वारा बनाया गया, ये CRUSHSTONE SYRUP जो किडनी की किसी भी समस्या से निजात दिलाने में कारगर है।

डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाओं का सेवन सही तरीके से करें और बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।

किडनी का ख्याल रखना बहुत जरूरी है, किडनी को स्वस्थ रखने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित हैं:

  1. पानी पीना: प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है। यह किडनी को साफ रखने और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
  2. संतुलित आहार: आहार में ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद शामिल करें। नमक, चीनी का सेवन कम करें।
  3. व्यायाम: नियमित व्यायाम से न केवल आपका वजन संतुलित रहता है बल्कि यह रक्तचाप और रक्त शर्करा को भी नियंत्रित करता है, जिससे किडनी की सेहत बनी रहती है।
  4. धूम्रपान और शराब का सेवन न करें: धूम्रपान और अधिक मात्रा में शराब पीना किडनी के लिए हानिकारक होता है। 
  5. नियमित चेकअप: किडनी की सेहत की नियमित जांच करवाना जरूरी है, खासकर यदि आपके परिवार में किसी को गुर्दे की बीमारी रही हो।
  6. स्ट्रेस को कम करें: तनाव से बचने के लिए योग, ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीकों का अभ्यास करें।

निष्कर्ष

इस लेख में हमने किडनी को स्वस्थ रखने से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों की चर्चा की है। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपको गाइड करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इस लेख से संबंधित सवालों और सुझावों को कॉमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे शेयर कर सकते हैं।

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